डॉ. भीमराव अम्बेडकर पर निबंध | (Essay on Dr. Bhimrao Ambedkar in Hindi
Essay on Dr. Bhimrao Ambedkar in Hindi - डॉ. भीमराव अम्बेडकर पर निबंध - डॉ. भीमराव रामजी अम्बेडकर, जिन्हें लोग प्यार से "बाबा साहेब" कहते हैं, भारत के महान नेता, समाज सुधारक और संविधान के निर्माता थे। उन्हें अपनी जिंदगी सामाजिक न्याय, दोबारा और शिक्षा के लिए समर्पित कर दी। दलित समाज को एक नये अस्तित्व और अधिकारों के साथ जीने का अधिकार दिलाया। बाबा साहेब एक बड़े विद्वान थे जिन्होंने भारत को एक मजबूत और लोकतांत्रिक संविधान दिया। उन्होन महिलाओं और कमज़ोर वर्ग के लिए क़ानूनी सुरक्षा का रास्ता बनाया। आज भी उनकी सोच और संघर्ष हर इंसान को बर्बाद और इन्साफ की तरफ प्रेरित करता है।
डॉ.
भीमराव अम्बेडकर पर 10 पंक्तियाँ - 10 lines on Dr. Bhimrao Ambedkar in Hindi
1. डॉ.
भीमराव अम्बेडकर को "बाबा साहब" के
नाम से जाना जाता
है।
2. उनका
जन्म 14 अप्रैल 1891 को महू, मध्य
प्रदेश में हुआ था।
3. वे
भारत के संविधान के
निर्माता थे।
4. अम्बेडकर
जी ने समाज में
बर्बरता और न्याय के
लिए संघर्ष किया।
5. उन्होंने छुआछूत और जाति प्रथा
के खिलाफ आवाज उठाई।
6. वे
भारत के पहले कानून
मंत्री बने।
7. उन्होंने दलित समाज के उत्थान के लिए अपनी पूरी जिंदगी समर्पित किया।
8. 1956 में
उन्होंने बौद्ध धर्म को अपनाया
और लाखों लोगों को भी प्रेरित
किया।
9. उनकी
सोच और दृष्टि आज
भी भारत को राह
दिखाती है।
10. 6 दिसंबर
1956 को उनका निधन हो
गया, लेकिन उनकी विरासत हमेशा
याद रहेगी।
डॉ.
भीमराव अम्बेडकर पर अनुच्छेद 250 शब्द - Paragraph on Dr. Bhimrao Ambedkar in Hindi
डॉ.
भीमराव रामजी अंबेडकर, जिन्हें हम सभी "बाबा
साहेब" कहते हैं, भारत
के एक महान समाज
सुधारक, विध्वंस, राजनीति और संविधान के
निर्माण थे। उनका जन्म
14 अप्रैल 1891 को महू, मध्य
प्रदेश में एक दलित
परिवार में हुआ। बचपन
से ही उन्हें जाति
भेदभाव और अस्पृश्यता का
सामना करना पड़ा, लेकिन
शिक्षा के प्रति उनका
जुनून उन्हें आगे बढ़ता रहा।
कोलंबिया यूनिवर्सिटी और लंदन स्कूल
ऑफ इकोनॉमिक्स जैसे विश्व के
प्रमुख संस्थानो से उच्च शिक्षा
प्राप्त की। भारत आने
के बाद उन्हें सामाजिक
न्याय के लिए अपनी
पूरी जिंदगी समर्पित कर दी।
अम्बेडकर
जी भारत के संविधान
के मुख्य विधायक थे, जिन्होनें नागरिकों
के लिए बाराबरी, स्वतंत्रता
और न्याय की व्यवस्था बनाई।
दलित, महिलाओं और गरीब वर्ग
के अधिकारों की सुरक्षा के
लिए कानून बनाएं। उनका प्रसिद्द नारा
"शिक्षा ग्रहण करो, संगत रहो
और संघर्ष करो" आज भी युवाओं
को प्रेरणा देता है। 1947 में
वे भारत के पहले
कानून मंत्री बने और कानून
सुधार किये। अंत में, जाति
प्रथा से थक कर
उन्हें 1956 में बौद्ध धर्म
अपनाया और लाखों अनुयाइयों
को भी प्रेरित किया।
6 दिसंबर 1956 को उनका निधन
हो गया, लेकिन उनकी
विरासत हमेशा अमर रहेगी। डॉ.
अम्बेडकर का जीवन हमें
सिखाता है कि शिक्षा,
संघर्ष और कठोर संकल्प
के बल पर समाज
को बदला जा सकता
है।
डॉ. भीमराव अम्बेडकर पर निबंध (500 शब्द) - Essay on Dr. Bhimrao Ambedkar in Hindi
परिचय
डॉ. भीमराव रामजी अम्बेडकर, जिन्हें हम सभी "बाबा साहेब" कहते हैं, भारत के इतिहास के सबसे महान नेता, विधवाओं और समाज सुधारकों में से एक थे। उनका जन्म 14 अप्रैल 1891 को महू (आज के मध्य प्रदेश) में एक दलित परिवार में हुआ था। बचपन से ही उन्हें जाति भेदभाव और अस्पृश्यता का सामना करना पड़ा, लेकिन उन्हें कभी हिम्मत नहीं मिली। शिक्षा और मेहनत के बाल पर उन्हें अपना नाम इतिहास में अमर कर दिया। बाबा साहब ने भारत का संविधान बनाया, भारत रत्न और एक महान सामाजिक नेता के रूप में हमेशा याद किया जाता है।
प्रारंभिक जीवन और शिक्षा
अंबेडकर
जी का बचपन कहिन
था. उनके परिवार को
जाति के कारण सामाजिक
सम्मान सहना पड़ता था।
उन्हें स्कूल में भी अलग
बिठाया जाता था और
पानी तक छू कर
पीने नहीं दिया जाता
था। लेकिन अम्बेडकर जी मुझे शिक्षा
प्राप्त करने का जुनून
था।
उन्होंने अपनी प्राथमिक शिक्षा के बाद बॉम्बे यूनिवर्सिटी से पढ़ाई की और फिर अमेरिका के कोलंबिया यूनिवर्सिटी से एम.ए. और पीएचडी किया। लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स से भी उन्हें उच्च शिक्षा प्राप्त हुई। विदेश से वापस आकर उन्हें भारत में सामाजिक न्याय की लड़ाई लड़ने का संकल्प लिया।
भारतीय संविधान में योगदान
डॉ.
अम्बेडकर का सबसे बड़ा
योगदान भारत के संविधान
की रचना है। वे
प्रारूप समिति के अध्यक्ष बने
और 26 जनवरी 1950 को भारत का
संविधान लागू हुआ।
क्या संविधान में उन्हें सभी नागरिकों को सामाजिक, राजनीति और आर्थिक बर्बरता का अधिकार दिया गया है। महिलाओं, दलितों, पिछड़ों और अल्पसंख्यकों के अधिकारों की सुरक्षा की व्यवस्था की। मौलिक अधिकार और समानता का अधिकार जैसा अंश उन्हीं की सोच का परिनाम है। उनकी दृष्टि ने भारत को एक मजबूत और लोकतांत्रिक देश बनाया।
सामाजिक अन्याय के खिलाफ लड़ो
अम्बेडकर
जी ने अपनी पूरी
जिंदगी सामाजिक अन्य और जाति
भेदभाव के खिलाफ लड़ाई
में लगा दी। दलित
समाज को जागरूक किया
और उन्हें शिक्षा और अधिकार लेने
के लिए प्रेरित किया।
उनका
प्रसिद्द नारा था - "शिक्षा
ग्रहण करो, संगत रहो
और संघर्ष करो"।
उन्हें हरिजन और दलित समुदाय के लिए स्कूल, पुस्तकालय और संगठन बनाना चाहिए। वे हमेशा चाहते थे कि हर इंसान जाति, धर्म और वर्ण के भेद के बिना बर्बरता के साथ जिए।
राजनीतिक कैरियर
डॉ.
अम्बेडकर सिर्फ एक विद्यार्थी ही
नहीं बल्कि एक सफल राजनीति
भी थी। 1947 में भारत आज़ाद
हुआ तो पंडित जवाहरलाल
नेहरू की कैबिनेट में
उन्हें पहले कानून मंत्री
बनाया गया। इस पद
पर रहकर उन्हें कानून
व्यवस्था को सुधारने का
काम करना चाहिए।
अनहोन लेबर और इंडस्ट्रियल रिफॉर्म्स में भी योगदान दिया जिसे मजदूर और कामगार वर्ग को सुरक्षा मिली।
बौद्ध धर्म में रूपांतरण
अम्बेडकर जी ने अपने अंतिम दिनों में हिंदू धर्म की जाति प्रथा से थक कर बौद्ध धर्म अपनाया। 14 अक्टूबर 1956 को नागपुर में उन्हें अपने अनुयायियों के साथ बौद्ध धर्म धारण कराया। उनका मानना था कि बौद्ध धर्म की शिक्षा और करुणा की शिक्षा देना है। इसे दलित समाज को एक नई पहचान और स्वाभिमान मिला।
मृत्यु और विरासत
डॉ. अंबेडकर का निधन 6 दिसंबर 1956 को हुआ, लेकिन उनकी विरासत आज भी जीवित है। 1990 में उन्हें भारत रत्न से सम्मानित किया गया। उनकी सोच, उनका संविधान और उनकी शिक्षा के प्रति लगन आज भी हर युवा के लिए प्रेरणा है।
निष्कर्ष
डॉ.
भीमराव अंबेडकर एक ऐसे महान
व्यक्ति थे जिन्हें अपनी
जिंदगी के बारे में
पता था, अपने सपने
और अपने लक्ष्य को
कभी नहीं छोड़ा। उन्हें
हमेशा न्याय, बाराबरी और बंधुत्व का
संदेश दिया। आज भारत अगर
एक लोकतांत्रिक और सामाजिक न्याय
पर आधारित है, तो इसका
श्रेय बाबा साहब को
ही जाता है। उनका
जीवन हमें सिखाता है
कि शिक्षा और संकल्प से
कोई भी इंसान समाज
को बदल सकता है।
FAQs डॉ. भीमराव अम्बेडकर
Q1. डॉ.
भीमराव अम्बेडकर का जन्म कब
हुआ था?
उत्तर.
उनका जन्म 14 अप्रैल 1891 को महू (मध्य
प्रदेश) में हुआ था।
Q2. उनको
बाबा साहेब क्यों कहा जाता है?
उत्तर.
उनके योगदान और समाज के
प्रति सेवा के लिए
लोग उन्हें प्यार से "बाबा साहेब" कहते
हैं।
Q3. अम्बेडकर
जी का सबसे बड़ा
योगदान क्या था?
उत्तर.
उन्होन भारत के संविधान
की रचना की और
समाज में बर्बरता का
पथ प्रशस्त किया।
Q4. उन्हें
किस धर्म को अपनाना
था?
उत्तर.
उन्होन 1956 में बौद्ध धर्म
अपनाया और लाखों अनुयाइयों
को भी प्रेरित किया।
Q5. डॉ.
अम्बेडकर का अंत कब
हुआ?
उत्तर.
उनका निधन 6 दिसंबर 1956 को हुआ था।

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